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माननीय संचालक विस्तार सेवायें कार्यशाला के अवसर |
कृषि विज्ञान केन्द्र, रीवा की कार्यक्रम समन्वयक डॉ. श्रीमती निर्मला सिंह ने अंगीकृत ग्रामों में डाले गये दलहनी एवं तिलहनी फसलों के परिणामों को सदन के समक्ष प्रस्तुत किया ।
डॉ.टी.आर.शर्मा तकनीकी अधिकारी संचालक विस्तार सेवायें ज.ने.कृ.वि.वि., जबलपुर द्वारा सुझाया गया कि विश्वविद्यालय द्वारा कार्ययोजना निश्चित हो जाने के बाद कोई परिवर्तन करने के लिए संचालक विस्तार सेवायें से अनुमति लेना आवश्यक है ।
डॉ. वाय.एम.कूल, संचालक विस्तार सेवायें, राजमाता सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर ने बताया कि जल संरक्षण के लिए पौधरोपण सबसे उपयुक्त संसाधन है । कार्यक्रम के समापन अवसर पर ज.ने.कृ.वि.वि. जबलपुर के सेवा निवृत्त संचालक विस्तार सेवायें डॉ. आर. ए. खान ने ग्रामीण महिलाओं एवं नवयुवकों के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा आयोजित प्रशिक्षणों को उपयोगी बताया । इस अवसर पर शक्तिमान रोटावेटर्स के श्री आशीष पटेल तथा ईफको के जिला प्रबंधक श्री भूपेष राठौर का योगदान सराहनीय रहा ।
कृषि महाविद्यालय रीवा के प्रो. डॉ.एस.एन.श्रीवास्तव, डॉ.आर.ए.साठवाने, डॉ.यू.एस.बोस, तथा डॉ.एस.के.त्रिपाठी ने कालेज की सुविधाओं को उपलब्ध कराने का हर संभव प्रयास किया । इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय रीवा के पूर्व अधिष्ठाता, डॉ. आर.पी.सिंह उपस्थित रहें । उक्त अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र, रीवा के सभी वैज्ञानिकों डॉ.आर.पी.जोशी डॉ. आर.के.तिवारी, डॉ.सी.जे. सिंह, डॉ.श्रीमती किंजल्क सिंह, डॉ.रूपेश् जैन, डॉ. राजेश सिंह, डॉ.बी.एस.द्विवेदी, श्री एम.के.मिश्रा तथा अन्य स्टाफ श्री आर.एस.पटेल, उमेश वर्मा एवं ब्रिजेश सेन का कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा ।
कार्यशाला में अनुशंषा की गयी कि स्थानीय मौसम एवं जलवायु की अनुकूलताओं के अनुसार ही किस्मों का चयन अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन हेतु किया जाना चाहिए । प्रदेश के समस्त कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा लिए गये दलहन एवं तिलहन अग्रिम पंक्ति प्रदर्श्नों के परिणाम प्रस्तुत करने के साथ साथ अग्रिम कार्ययोजना पर बिंदुवार विचार विमर्श् किया गया । कार्यशाला के तीसरे दिन समीक्षा बैठक की गई ।
कार्यक्रम के अंत में कृषि विज्ञान केन्द्र, रीवा द्वारा संगठित, प्रशिक्षित, प्रेरित समूह- साथ रुचि समूह पड़रा के द्वारा तैयार आँवले से तैयार मुरब्बा, सुपारी, कैंडी, कैंडी बॉल इत्यादी का सेवन कर लुत्फ उठाया वहीं जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वफविद्यालय के संचालक विस्तार सेवायें, डॉ. के.के. सक्सेना तथा संचालक विस्तार सेवायें, राजमाता विजय राजे सिन्धिया कृषि विश्वविद्यालय, डॉ. वाय.एम कूल ने समूह से आँवले का मुरब्बा क्रय कर समूह को प्रोत्साहन प्रदान किया.